हरियाणा की नई सरकार का गठन तो हो गया। सीएम समेत मंत्रियों ने शपथ ग्रहण कर ली। लेकिन सीएम और मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे में बड़ी देरी हो गई। 17 अक्टूबर को सरकार का शपथ ग्रहण समारोह था और तबसे आज तीसरे दिन तक विभाग नहीं बांटे जा सके हैं। इस देरी के पीछे कई अहम कारण भी माने जा रहे हैं। चर्चा है कि, मंत्री अपने पास मनपसंद विभाग रखने के लिए लॉबिंग में लगे हुए हैं या यूं कहें कि अड़े हुए हैं।
रिपोर्ट्स की माने तो अनिल विज अपने पास फिर से गृह मंत्रालय चाहते हैं। विज चाहते हैं कि, अगर वह सीएम नहीं बने तो कम से कम सीएम के बाद सबसे पावरफुल तो रहें। मालूम रहे कि, अनिल विज हरियाणा सरकार में मनोहर लाल के सीएम रहते गृह के साथ-साथ स्वास्थ्य और शहरी निकाय विभाग का भी जिम्मा संभाल चुके हैं। एक बार जब विज से गृह विभाग लेकर सीएम को देने की चर्चाएं उठीं थीं तो इस पर विज का कड़ा रुख देखने को मिला था। जिसके बाद विज से गृह विभाग लेने की तमाम चर्चाएं शांत पड़ गईं।