उत्तराखण्ड

अब खुद लड़नी होगी किसानों को हक की लड़ाई: मान

सितारगंज। भारतीय किसान यूनियन टिकैत की बैठक में यूपी और उत्तराखंड अध्यक्ष बलजिंदर सिंह मान ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार किसानों का उत्पीड़न कर रही है। उत्तराखंड में विपक्ष रहा नहीं, अब खुद ही किसानों को अपने हक की लड़ाई लड़नी होगी। प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा ने कहा कि सरकार ने भूमि को कई वर्गों में बांट दिया है। भूमि चाहे किसी भी वर्ग की हो, 12 वर्ष या अधिक समय से काबिज किसान को उस पर मालिकाना हक मिलना चाहिए।

सोमवार को कृषि उत्पादन मंडी समिति के सभागार में आयोजित बैठक में मान ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के प्रति बदले की भावना से कार्य कर रही है। उन्हें उनकी भूमि से बेदखल किया जा रहा हैं। विपक्ष अपनी भूमिका नहीं निभा रहा है। यही कारण है कि सरकार मनमाने फैसले ले रही है। कहा कि प्रशासन ने जसपुर में जिन किसानों के घर तोड़े हैं, उन्हें मुआवजा दिया जाना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष करम सिंह पड्डा ने किसानों को उनकी फसल पर एमएसपी देने की मांग की।

किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि इस समय धान रोपाई के लिए ट्यूबवेल चल रहे हैं। विद्युत विभाग किसानों के बिजली कनेक्शन काट रही है। उन्होंने सरकार से ट्यूबवेल कनेक्शन नि:शुल्क देने और किसानों के कनेक्शन काटने पर रोक लगाने, वर्षों से विभिन्न वर्गों की भूमि व डाम की जमीन पर काबिज किसानों को मालिकाना हक देने आदि की मांग की। वहां जिलाध्यक्ष गुरसेवक सिंह, जिला उपाध्यक्ष जसवंत सिंह जस्सा, गुरसाहब सिंह, सुरेन्द्र प्रसाद, भीष्म नारायण, बलिराम यादव, डा. रामलखन राव, नंदलाल यादव आदि थे।

भाकियू टिकैत के नवनियुक्त प्रवक्ता एवं प्रदेश प्रमुख महासचिव एडवोकेट योगेंद्र यादव का स्वागत किया गया। यादव ने हाल ही में सपा के जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर भाकियू टिकैत की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्हें प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रमुख महासचिव बनाया गया। वहां तैयब अंसारी, सुग्रीव प्रसाद, बलकार सिंह, राजेश कुमार, रमेश कुमार, रामजतन राजभर, सचिन यादव, पंकज कुमार आदि थे।

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